Skin Care With Plum Goodness..

Top News

•।• नागरिक स्ट्रीट लाईट ख़राब होने कि सूचना कंट्रोल रूम में आकिब खान-9300053936, डी. एस. पारासर-7583894265 एवं स्मार्ट सिटी के ऋषि गोस्वामी - 7879487904, देवेंद्र विश्वकर्मा, उपयंत्री - 8823891021 दे सकते हैं . । • • ।• • • •• • • • • • ... ।

Smart Investment..

So Easy To Open Bank Account

Sagar Watch News

Sagar Watch News/
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के अभिमंच सभागार में श्री धर्मपाल स्मृति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसे धर्मपाल शोधपीठ, स्वराज संस्थान निदेशालय, संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा प्रायोजित किया गया है। इसके विभिन्न तकनीकी सत्रों में आमंत्रित विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।

यह चर्चा महात्मा गांधी के विचारों और भारतीय संस्कृति की प्रासंगिकता पर केंद्रित रही।समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि जब हम महात्मा गांधी को याद करते हैं, खासकर स्वराज पर बात करते हैं, तो उनकी किताब हिंद स्वराज ज़रूर याद आती है। ये एक छोटी लेकिन असरदार किताब है, जिसमें गांधीजी ने बताया कि असली स्वराज पाने के लिए सिर्फ अंग्रेज़ों को भगाना काफी नहीं है, बल्कि उनकी सोच और जीवनशैली को भी छोड़ना होगा। उन्होंने भारतीय संस्कृति को ही असली स्वराज का आधार बताया।

प्रो. विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हमारे देश की खासियत इसकी विविधता है—हमारे खाने, पहनावे, देवी-देवताओं तक में भिन्नता है। फिर भी हम एक हैं, क्योंकि हम सत्य, अहिंसा और कर्म में विश्वास करते हैं। किसी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार और मूल्यों से होती है।

प्रो. कुमार प्रशांत ने कहा कि तकनीक सिर्फ एक साधन है, न कि अंतिम सत्य। इसका सही या गलत इस्तेमाल समाज तय करता है। तकनीक का उद्देश्य लोगों को जोड़ना होना चाहिए, न कि उन्हें बाँटना। गलत हाथों में तकनीक का दुरुपयोग भी हो सकता है, जैसे भ्रूण लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या। आज तो हमारी निजी जिंदगी भी तकनीक के ज़रिए सार्वजनिक होती जा रही है।


Sagar Watch News

डॉ. मिथिलेश ने कहा कि आज का ज़्यादातर ज्ञान पश्चिम से प्रभावित है। लेकिन असली ज्ञान सिर्फ जानकारी नहीं, बल्कि आत्मा, समाज और प्रकृति से जुड़ा हुआ विवेक होता है, जो बदलाव लाने की ताकत रखता है। भारतीय परंपरा में ज्ञान को शक्ति का स्रोत माना गया है।

डॉ. कन्हैया त्रिपाठी ने बताया कि अगर हम सोच नहीं बदलते, तो हम आज भी उपनिवेशवाद की मानसिकता में जी रहे हैं। यह सिर्फ राजनैतिक नियंत्रण नहीं था, बल्कि हमारी सोच, संस्कृति और संस्थाओं को छोटा दिखाने की एक चाल थी। हमारी पारंपरिक शिक्षा प्रणाली जैसे गुरुकुल, जो नैतिक और समग्र विकास पर आधारित थी, उसे छोड़कर हम अब केवल नौकरी पाने वाली शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं।

प्रो. सत्यकेतु सांकृत ने कहा कि उपनिवेशवाद ने हमारी ज़मीन ही नहीं छीनी, बल्कि हमारी सोच, संस्कृति और पहचान पर भी असर डाला। आज हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत इस मानसिक गुलामी से आज़ादी पाने की है। डॉ. अंबेडकर ने हमेशा इस मानसिक आज़ादी की बात की थी। जब तक हम खुद सोचने की आज़ादी नहीं पा लेते, तब तक हम सच्चे नागरिक नहीं बन सकते।

 सभी वक्ताओं ने आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत के निर्माण पर बल दिया।

समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अध्ययन संकाय के डीन प्रो. अनिल कुमार जैन ने की। इस सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. सुष्मिता लख्यानी, डीन, शिक्षा संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने चित्रों के माध्यम से सरस्वती वाणी दी। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. मनीष वर्मा, संयुक्त निदेशक, लोक शिक्षण प्रभाग, सागर और प्रो. सत्यकेतु सांकृत, डीन, साहित्य अध्ययन केंद्र, बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली ने अपना वक्तव्य दिया। डॉ. अनिल कुमार तिवारी ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। डॉ. अर्चना वर्मा ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। शिक्षा विभाग के डॉ. योगेश कुमार पाल ने आभार व्यक्त किया। सत्र का संचालन संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. किरण आर्य ने किया।

Sagar Watch News

Sagar Watch News/
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के उन्नत शोध केंद्र  (CAR-Center For Advance Research) में परमाणु चुंबकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोमीटर (NMR-Nuclear Magnetic Resonance Spectrometer)* पर एक दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें कुल 35 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
 

*यह एक ऐसा वैज्ञानिक यंत्र है जो किसी रसायन (chemical) के अणुओं की आंतरिक संरचना (structure) को जानने के लिए उपयोग किया जाता है। (Sagar Watch Explainer)

डॉ. विवेक कुमार पांडे (प्रभारी, सीएआर) ने उन्नत अनुसंधान केंद्र के संक्षिप्त परिचय के साथ सत्र की शुरुआत की और प्रतिभागियों को ऐसे कार्यक्रमों के महत्व के बारे में बताया। व्याख्यान सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. केके डे (प्रभारी शिक्षक) ने प्रतिभागियों को बताया कि NMR विश्लेषण एक उल्लेखनीय तकनीक है

इस तकनीक का उपयोग रसायन विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, जीव विज्ञान और चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों में नमूने की शुद्धता, सामग्री के साथ-साथ आणविक संरचना का पता लगाने, खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण और अनुसंधान दवाओं की खोज और विकास, आणविक गतिशीलता अध्ययन के लिए किया जाता है। 

उन्नत अनुसंधान केंद्र के इस सत्र की शुरुआत मुख्य समन्वयक प्रो  शिवप्रकाश सोलंकी, सौरभ शाह, प्रिंस सेन और आदर्श कुमार द्वारा एनएमआर के धातु-सामग्री (Hardware) भाग और उसके परिधीय उपकरणों के संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। 

प्रतिभागियों को नमूना तैयार करने, विश्लेषण और डेटा व्याख्या का पूरा विवरण दिया गया। डॉ. के.के. डे ने प्रतिभागियों के रुचि के क्षेत्र से संबंधित प्रश्नों पर विचार किया और उनके उत्तर दिए।

Sagar Watch News

Sagar Watch News/
 राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की विभिन्न श्रेणियों पर संपूर्ण जीवनकाल के लिए मोटरयान कर (रोड टैक्स) से छूट प्रदान की है।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनोज कुमार तेहनगुरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि यह छूट राज्य शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लागू की गई है। यह निर्णय राज्य में हरित परिवहन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

भारत सरकार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 02 अगस्त 2021 को जारी अधिसूचना के तहत, बैटरी चालित वाहनों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने, नवीनीकरण अथवा नए रजिस्ट्रेशन चिन्ह प्रदान करने के लिए लगने वाले शुल्क से पहले से ही छूट दी जा रही है। 

आरटीओ कार्यालय द्वारा वाहन स्वामियों से अनुरोध किया गया है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को इस अधिसूचना के तहत कर छूट का लाभ लेते हुए पंजीकृत कराएं।

ई- वाहनों के पंजीयन में "कर" की आजीवन छूट 

ई- कार - 20 लाख रू. तक की मानक मूल्य वाली और 26 मार्च 2026 तक पंजीकृत होने वाली ई-कारों पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट

ई-हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) - 26 मार्च 2026 तक पंजीकृत होने वाले वाहनों पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट

ई-बसों, (गैर सरकारी अर्थात स्कूल बसें, निजी बस, मिनी, मिडी, र्स्टेडर्ड एवं र्स्टेडर्ड ऐसी बसों सहित सरकारी बसें) ई-ट्रक, ई-टेªक्टर एवं ई-एम्बुलेंस - 26 मार्च 2027 तक पंजीकृत होने वाले वाहनों पर 100 प्रतिशत मोटरयान कर में छूट

उपरोक्त प्रोत्साहन किसी भी प्रकार के हाईब्रिड वाहनों पर लागू नहीं होगें।

देश-दुनिया कृत्रिम बुद्धिमत्ता की तकनीक में नित नए आयाम बना रही है। भारत में भी महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के दावे किये जा रहे हैं। लेकिन हकीकत कुछ और भी बयान करते नजर आया रही है । आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के कई योजनाएँ चल रहीं हैं । 

प्रशासन की और से आये  दिन सफलता की कहानी जारी होतीं रहतीं हैं लेकिन यह सवाल आज भी उठ रहा हैं के महिलाओं का एक बड़ा तबका  आज भी घूंघट की कैद से मुक्त नहीं हो पाया है। इस दिशा में प्रशासन के काबिल प्रशिक्षक क्या कर रहे हैं ?

जब महिला की पहचान घूंघट की ओट से बाहर ही नहीं आ रही है तो भला यह कैसे पता लगता होगा  की प्रशिक्षण में आये महिलाएं कौन हैं, उन्हें बात समझ में आ  रही है या नहीं ? हर बार प्रशिक्षण में आ रही महिलाएं वही हैं जो पहले भी प्रशिक्षण में आयीं होगीं? यह कैसे पता लगाते  हैं ये प्रशिक्षक?

Sagar Watch News

Sagar Watch News/
 सागर जिले में फर्जी डिग्रीधारी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले में बिना वैध डिग्री और पंजीयन  के कोई भी चिकित्सा कार्य नहीं कर सकेगा। 

उन्होंने कहा कि ऐसी क्लिनिको को भी बंद किया जा रहा है जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं है। कलेक्टर सख्ती से कहा है  कि जिले में कोई भी फर्जी डॉक्टर प्रैक्टिस करता नहीं पाया जाना चाहिए। इसी परिप्रेक्ष्य में सागर जिले में लगातार कार्रवाई की जा रही है।

इसी क्रम में एसडीएम देवरी  भव्या त्रिपाठी के द्वारा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने गौरझामर क्षेत्र में छापेमार कार्रवाही की। इस दौरान मजूमदार क्लिनिक और विश्वास अस्पताल को अवैध रूप से एलोपैथिक दवाइयों के भंडारण और बिना वैध रजिस्ट्रेशन इलाज करते पाए जाने पर सील कर दिया गया।

कार्रवाई की खबर लगते ही कई अन्य क्लीनिक बंद हो गई।  शहर में भी कार्रवाई की गई। डॉ. मोहम्मद स्वलेह (आसमा क्लीनिक शनिचरी), डॉ. धर्मेंद्र कुमार (शुक्रवारी) की क्लीनिकों को मौके पर दस्तावेज न होने के कारण सील कर दिया गया। 

डॉ. मिश्रा (शनिचरी) की क्लीनिक बंद पाई गई, वहीं डॉ. ए. डब्ल्यू. खान की क्लीनिक को भी बंद कराया गया। इस कार्रवाई में डॉ. देवेश पटेरिया (नोडल अधिकारी) और फार्मासिस्ट दीपक जैन ने कार्रवाही की। कलेक्टर ने कहा कि इसी प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहे।

 

Sagar Watch News

Sagar Watch News/ 
पश्चिमी शिक्षा प्रणाली ने भारतीय मूल्यों को पीछे छोड़ दिया है, जबकि भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक और दार्शनिक दृष्टिकोण में अग्रणी रही है। यह विचार मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री  धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के अभिमंच सभागार में  धर्मपाल स्मृति द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्या अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये  

उन्होंने अनेक ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने पृथ्वी की गोलाई, गुरुत्वाकर्षण और जीवन विज्ञान जैसे विषयों पर हजारों वर्ष पहले ही गहन अध्ययन किया था. उन्होंने संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी बताते हुए युवाओं से भारतीयता पर गर्व करने की बात कही 

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में  इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मुख्य चुनाव आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, सागर स्कूल शिक्षा संयुक्त संचालक डॉ. मनीष वर्मा, धर्मपाल शोधपीठ के निदेशक संतोष वर्मा एवं शैक्षिक अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रो. अनिल कुमार जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए 

कार्यक्रम की प्रस्तावना में  भारतीय इतिहासकार और गांधीवादी विचारक धर्मपाल जी के जीवन और चिंतन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।  बताया गया कि धर्मपाल जी आधुनिक शिक्षा व्यवस्था से असंतुष्ट थे और मानते थे कि यह भारतीय आत्मा से अलग करती है  उनका मानना था कि भारत का वास्तविक उत्थान तभी संभव है जब हम यूरोपीय बौद्धिक प्रभावों से मुक्त होकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ें 

कुलपति ने अपने उद्बोधन में भारतीय संस्कृति, मूल्य आधारित शिक्षा और युवाओं के समग्र विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के प्रभाव में समाज अपनी जड़ों से दूर हो गया है, इसलिए युवाओं में योग, आयुर्वेद, पारिवारिक संस्कार और राष्ट्र सेवा की भावना जागृत करना जरूरी है। नई शिक्षा नीति को चरित्र निर्माण और कौशल उन्मुख बताया। उन्होंने गीता, रामायण जैसे ग्रंथों को शिक्षा में शामिल करने की बात कही।

कार्यक्रम में छह तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया है, जिसमें विद्वान वक्ता धर्मपाल जी के विचारों, इतिहास विश्लेषण और सामाजिक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा होगी कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रतिभागी, विवि के शिक्षक, शोधार्थी प्रतिभागिता कर रहे हैं

कार्यक्रम के उदघाटन से पूर्व मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी एवं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने गौर समाधि पहुंचकर डॉ. गौर के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित की

 शोध पत्रिका का विमोचन

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान की शोध पत्रिका मध्य भारती के नवीनतम अंकों 86 एवं 87 का विमोचन किया. इस अवसर पर सम्पादक मंडल के सभी सदस्य उपस्थित थे।

Sagar Watch News

Sagar Watch News/
मप्र में सागर स्थित  रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय    (Rani Avanti Bai State University Sagar) की स्नातक प्रथम वर्ष की पहली वार्षिक परीक्षाएँ 25 अप्रैल से शुरु हो रहीं हैं  तथा 11 जून को समाप्त होंगी। इन इम्तिहानों में दो जिलों के 40  से ज्यादा शासकीय व निजी महाविद्यालयों के करीब बड़ी तादाद में विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। 

रानी अवंती बाई महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ मिथलेश चौबे ने मीडिया को बताया की इन  परीक्षाओं में सागर व दमोह जिले के 27 परीक्षा केन्द्रों पर कुल 42 शासकीय, अनुदान प्राप्त तथा अशासकीय महाविद्यालयों के लगभग सोलह हजार नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया की प्रातः पाली की परीक्षाएँ सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे के मध्य आयोजित होंगी। इस पालि में बी.एस.सी., बी.एच.एस.सी., बी.कॉम., बी.बीए., बी.सी.ए., बी.लिब. तथा बी.कॉम. रिटेल मैनेजमेण्ट पाठ्यक्रम की परीक्षाएँ होना है। दोपहर 2 से शाम 5 बजे की पाली में बी.ए. की परीक्षाएँ आयोजित की जा रही हैं। 

इसी सिलसिले में कुलगुरु प्रो. विनोद कुमार मिश्रा  ने बताया कि पारदर्शिता व गोपनीयता के प्रति प्रतिबद्धता के निर्देश परीक्षा संचालन टीम को दिए है। साथ ही परीक्षा केन्द्रों व विद्यार्थियों की सुविधाओं का ध्यान रखने का प्रबल आग्रह किया है।

कुलसचिव प्रो. शक्ति जैन ने बताया कि स्नातक प्रथम वर्ष वार्षिक परीक्षाओं की समय सारिणी परीक्षा तिथि से 15 दिन पूर्व घोषित कर दी गई है जिसे समस्त महाविद्यालयों को इस निर्देश के साथ भेजा गया है कि सूचना पटल पर चस्पा करें तथा विद्यार्थियों के सोशल मीडिया ग्रुप में साझा करें। विश्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइट पर भी समय सारणी अपलोड है विद्यार्थी वहाँ भी देख सकते हैं।

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि समस्त परीक्षा केन्द्रों को परीक्षा सामग्री, मुख्य, पूरक व प्रायोगिक उत्तर पुस्तिकाएँ भेजी जा चुकी हैं साथ ही परीक्षा केन्द्र तथा संबंधित महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक भी परीक्षा तैयारियों के संबंध में 15 अप्रैल को आयोजित की गई। 

परीक्षा केन्द्रों का उड़नदस्ता करेंगे औचक निरीक्षण 

विश्वविद्यालय द्वारा इसके पूर्व सेमेस्टर परीक्षाएँ आयोजित की गई थी जिनमें दो जिलों के 17 परीक्षा केन्द्रों पर 28 महाविद्यालयों के लगभग दस हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। प्रदेश के तीनों नवीन स्थापित राजकीय विश्वविद्यालयों में से सागर के राजकीय विश्वविद्यालय ने सर्वप्रथम परीक्षाएँ सम्पन्न कराई। वार्षिक परीक्षाओं के लिए दोनों जिलों के पृथक उड़न दस्ता दल सहित एक केन्द्रीय उड़न दस्ता दल का गठन किया जा रहा है। 

सम्बद्ध महाविद्यालयों के कामकाज पर रहेगी कड़ी नजर 

कुलगुरु प्रो मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। इसके साथ ही पबंधन से चर्चा भी हो रही है।  इससे विश्वविद्यालय से कालेज की अपेक्षाओं का पता चल रहा है। वहीं इनकी समस्याओं को हल करने के प्रयास भी किए जा रहे है। शासकीय कालेज के प्राचार्यों की बैठक कर उनसे चर्चा की गई है। निजी कालेजों से जल्दी चर्चा होगी। ताकि विश्वविद्यालय अपना दायित्व बेहतर ढंग से निभा सके।

दौ सौ एकड़ बन रहा है विश्वविद्यालय 

प्रो विनोद मिश्रा ने बताया कि अभी प्रारंभिक अवस्था में विश्वविद्यालय है। इसकी पूर्णरूप लेने में समय लगेगा। विश्वविद्यालय के लिए 200 एकड़ जमीन रजौउआ  में मिली है। इसका भूमिपूजन मुख्यमंत्री डा मोहन यादव करेंगे। जनप्रतिनिधियों और शासन के लिए इस संबंध में पत्र लिखा है और चर्चा भी की है। 

पांच साल में करीब ढाई सौ पद भरे जायेंगे 

उन्होंने बताया कि अभी प्रतिनियुक्तियों के जरिए विश्वविद्यालय का संचालन हो रहा है। करीब 235 पद स्वीकृत किए गए है। इनको पांच साल में भरा जायेगा। जल्दी ही सरकार से अनुमति मिलने पर 102 पदों की पहले चरण में भर्ती की जाएगी । उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए 24 घंटे उनके दरवाजे खुले है। इनसे संवाद के लिए अपना मोबाइल फोन नंबर भी दिया है। 

अधिकतर रोजगार मूलक पाठ्यक्रम होंगे शुरू 

कुलसचिव शक्ति जेन ने बताया कि आगामी सत्र से रोजगार मूलक पाठ्यक्रम जैसे  होटल प्रबंधन , विधि  और  पर्यटन आदि पाठ्यक्रम  शुरू किए जा रहे है। सागर ऐसा नया  विश्वविद्यालय बना है जो सरकार के अकादमिक कैलेंडर के अनुसार कार्य समय पर कर रहा है। 

Sagar Watch News

Sagar Watch News/
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी किसी भी कार्यालय की रीढ़ होते हैं। यदि उन्हें समय पर वेतन नहीं  मिलेगा, तो उससे  प्रशासनिक व्यवस्था पर उल्टा असर पड़ेगा।छोटे कर्मचारियों के वेतन वितरण में देरी न हो इसके लिए ये तय किया जाए की  किसी भी हाल में वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन तभी मिले जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का भुगतान पूरा हो जाए।

ये निर्देश मंगलवार को  कलेक्टर  संदीप जी आर ने कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और उनको समय पर वेतन न मिलने की शिकायत के मद्देनजर जारी किये  है। इस सिलसिले में  उन्होंने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देशित किया है कि विभागाध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन तब तक नहीं निकाला जाए, जब तक कि सभी कर्मचारियों सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन  आहरित न हो जाए।

 उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में  सफाईकर्मी, भृत्य ,वाहन चालक, माली आदि शामिल हैं, जो अक्सर सबसे कम वेतन पाने वाले और सबसे अधिक निर्भरता वाले वर्ग में आते हैं। उनके वेतन में देरी से उनके जीवन पर सीधा असर पड़ता है, जिस पर  प्रशासन ने भी गंभीरता से ध्यान दिया है।

कलेक्टर ने सभी विभागाध्यक्षों  को निर्देशित किया है कि वे वेतन वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता रखें और सुनिश्चित करें कि किसी भी हाल में वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन तभी मिले जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का भुगतान पूरा हो जाए।