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•।• नागरिक स्ट्रीट लाईट ख़राब होने कि सूचना कंट्रोल रूम में आकिब खान-9300053936, डी. एस. पारासर-7583894265 एवं स्मार्ट सिटी के ऋषि गोस्वामी - 7879487904, देवेंद्र विश्वकर्मा, उपयंत्री - 8823891021 दे सकते हैं . । • • ।• • • •• • • • • • ... ।

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 "परिवहन विभाग से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में उच्च राजनीतिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों के कई नाम चर्चा में हैं ,जिसकी जांच को दबाया जा रहा  है" यह आरोप आम आदमी पार्टी के  जिला उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र राजपूत ने आज इस विषय पर जिला कलेक्ट्रेट में उनकी पार्टी द्वारा ज्ञापन दिए जाने के मौके पर आम जन को संबोधित करते हुए लगाया 

इसी सिलसिले में पार्टी के जिलाध्यक्ष डीके सिंह ने कहा कि  आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश नेतृत्व द्वारा परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर आवाज उठाती रही है ,और जनवरी 2016 में संपूर्ण मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था,जिसके परिणाम स्वरूप बीजेपी सरकार को मध्य प्रदेश के 40 चेक पोस्ट बंद करना पड़े,  यह आम आदमी पार्टी की संघर्ष की जीत है। 

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जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में आम आदमी पार्टी सागर इकाई ने भोपाल जप्ती कांड की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने 31 वर्षों के परिवहन विभाग के मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की ईडी, सीबीआई और एसआईटी से जांच कराने की अपील की।

ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्य रूप से डीके सिंह ,पुष्पेंद्र राजपूत, प्रदेश संयुक्त सचिव   रामसेवक पवार, भगवान सिंह,हरिशंकर सेन, राजेश पटेल,एसके खत्री, अमर चौधरी, लक्ष्मीकांत राज ,अमित सोनी,धन सिंह लोधी, महेंद्र सोनी, मिट्ठू लाल साहू,देवेंद्र जाटव सहित बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता  उपस्थित थे

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 राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि वित्त विभाग द्वारा संधारित एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (Integrated Financial Managements Information System-IFMIS) के अंतर्गत उपलब्ध शासकीय सेवकों की जानकारी का सत्यापन समग्र आईडी (Samagra ID) से किया जाना है एवं वेतन का भुगतान आधार सक्षम भुगतान प्रणाली  (Aadhar Enabled Payment System-AEPS) के माध्यम से किया जाना हैं।

कोषालय अधिकारी शशिकांत पौराणिक ने बताया कि कार्यालय में पदस्थ सभी अधिकारी/कर्मचारी कर्मचारी स्व-सेवा (Employee self-service-ESS) में समग्र आईडी की प्रविष्टि का कार्य समय सीमा में कराएं।

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 भारतीय वायु सेना मे अग्निवीर (वायु) के लिये ऑनलाइन आवेदन 07 जनवरी 2025 से 27 जनवरी 2025 तक किया जा सकता है। इच्छुक युवा आवेदक भारतीय वायु सेना की बेवसाइट  पर जा कर अपना पंजीकरण करा सकते है। आवेदक जिनका जन्म 01 जनवरी 2005 से 01 जुलाई 2008 (दोनो तिथियां सम्मिलित) के मध्य हुआ है, इस भर्ती में आवेदन करने के पात्र होगे। शैक्षिणक योग्यता संबंधी तथा अन्य जानकारी भारतीय वायुसेना की उपरोक्त वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। इस भर्ती हेतु ऑनलाइन परीक्षा दिनांक 22 मार्च 2025 से आयोजित की जाएगी।

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 लोकगीत व्यक्तिगत लिखे तो जाते हैं लेकिन लोक की मान्यता मिलने पर उन पर व्यक्ति का अधिकार नहीं रहता। लोकगीत में महिलाओं का योगदान पुरुषों से ज्यादा है। 

यह विचार शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के अंतर्गत आयोजित संभाग स्तरीय लोकगीत एवं पोस्टर प्रतियोगिता कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं निर्णायक वरिष्ठ लोकगीत गायक श्री शिवरत्न यादव शिवरतन यादव ने अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किये। संभाग स्तरीय लोकगीत प्रतियोगिता में पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़ एवं सागर जिले की टीमों ने प्रतिभागिता की। 

इसी सिलसिले में डॉ. गजाधर सागर वरिष्ठ लोक गीत गायक ने विद्यार्थियों को गायन के टिप्स देते हुए कहा कि समूह गायन में समन्वय आवश्यक होता है। चूंकि ये पारंपरिक गीत होते हैं अतः लय एवं शब्दों में सामंजस्य होना चाहिए। 

निर्णायक जयंत विश्वकर्मा ने गायन से पहले सुनना जरूरी है। लोकगीत तीज, मौसम व प्रकृति पर आधारित होते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. अमर कुमार जैन जिला नोडल अधिकारी भारतीय परम्परा प्रकोष्ठ ने कहा जब गीतों को लोक की मान्यता मिलती है तो वे लोकप्रिय हो जाते हैं। 

 संभाग स्तरीय लोक गीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आयी शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय सागर की छात्राओं अंशिता श्रीवास्तव, निकिता दीक्षित, डॉली काछी, शोभवी सिंह राजपूत, पलक अग्रवाल, शैलीराज अहिरवार द्वारा गाये गीत उठो गोरी मगरे पे बोल रहो कौआ, लगत तोरे मयके से आ गए लोऊआ ने सभागार में समाँ बाँध दिया।

द्वितीय स्थान पर शासकीय कन्या पी.जी. महाविद्यालय छतरपुर की छात्रा मोहनी पाठक के द्वारा गाये गीत सबहीं धरो रह जाने जो तन माटी में मिल जाने ने भी खूब तालियां बटोरी। 

तृतीय स्थान शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हटा की छात्रा दीक्षा काछी द्वारा गाये लोक गीत जैसो भारत देश महान, दूजो देश जगत में नहिए। को सराहना मिली। 

संभाग स्तरीय पोेस्टर प्रतियोगिता में सागर संभाग के छः जिलों के छः प्रतिभागियों ने सहभागिता की। भारतीय संस्कृति पर आधारित ‘आषट भारत’ विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने गुरूकुल परंपरा वैदिक युग, चिकित्सा से संबंधित चित्रों के द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा के उद्देश्यों को सार्थक किया। 

इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर निशा शर्मा, शासकीय महाविद्यालय पृथ्वीपुर, द्वितीय स्थान पर कविता सिंह शास. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय सागर तथा तृतीय स्थान पर सत्यम बागरी छत्रसाल शास. स्नातकोत्तर महाविद्यालय पन्ना रहें।

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 मप्र की साहित्य अकादमी, संस्कृति परिषद और संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा  महाकवि पद्माकर का स्मृति समारोह दिनांक 8 जनवरी 2025 बुधवार को दोपहर 2.30 बजे से सिविल लाइंस स्थित वरदान सभागार में आयोजित किया जाएगा। 

समारोह के स्थानीय संयोजक उमा कान्त मिश्र के मुताबिक इस कार्यक्रम  लेखिका व कवयित्री डॉ. शरद सिंह, गीतकार डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया, पवन तोमर मुरैना, पीयूष योगी बासौदा, नारायण सोनी क्रांति जबलपुरी, श्रुति जैन 'श्री' जबलपुर, मुकेश तिवारी सागर, रचना 'रची' सागर एवं प्रतिभा द्विवेदी 'मुस्कान' सागर द्वारा काव्य रचना पाठ किया जाएगा।

 *पद्माकर साहित्य अलंकरण*

इस अवसर पर समिति द्वारा प्रदत्त किए जाने वाले *चतुर्थ पद्माकर अलंकरण 2024* से साहित्यकार टीकाराम त्रिपाठी, सागर को विभूषित किया जाएगा। इस पुरस्कार के तहत साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 21 हजार सम्मान निधि के रूप दी जाती है।   पूर्व में  स्व.निर्मल चंद्र निर्मल,डॉ. सुरेश आचार्य और डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया को  भी इस सम्मान से  विभूषित किया जा चुका है।

सागर विश्विद्यालय में देश में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जाने-जानी  वाली सावित्री बाई फुले की  194 वीं जयंती के मौके पर ऑनलाइन भाषण आयोजित किया गया। व्यख्यान के लिए विषय रखा गया "भारतीय ज्ञान परंपरा की सार्वभौमिक प्रासंगिकता"। जो बहुत हद तक इस विभूति के कृतित्व से विषयांतर सा पैदा करता लगा। 
वहीँ अगर इस कार्यक्रम की अधिकृत प्रेस विज्ञप्ति पर नजर डाली जाए तो पता चलेगा की सावित्री बाई फुले के जीवन और कृतित्व पर किसी भी वक्ता द्वारा एक भी  शब्द नहीं बोला गया देश की  प्राचीन ज्ञान परंपरा और युवाओं को सीखने-सिखाने की भारतीय पद्धतियों पर चर्चा अच्छी बात है पर जिसकी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है कम से कम उनके बारे में भी तो श्रोताओं और विद्यार्थियों को बताया जाता तो सारा कार्यक्रम प्रसांगिक लगने लगता और कोई इसे महज लफ्फाजी कहने की जुर्रत भी नहीं कर सकता

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 मध्यप्रदेश सरकार माइनिंग में नवाचार कर रही है। प्रदेश में सबसे पहले महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) के 2 प्रखंड को नीलामी में रखा गया है। सबसे अधिक खनिज प्रखंडों की नीलामी कर मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर आ गया है। 

प्रदेश की समृद्ध खनिज सम्पदा  और नई खनन नीतियों से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। खनिज संसाधनों के उपयोग से न केवल राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे। प्रदेश में कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट और बॉक्साइट जैसे खनिजों का विशाल भण्डार है।प्रदेश खनन के क्षेत्र में अधिक राजस्व प्राप्त कर नई ऊँचाइयाँ छू रहा है।

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले खनिज राजस्व संग्रह में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, प्रदेश में पहली बार खनिज राजस्व संग्रह 5 अंकों में पहुंच गया। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस अवधि में 4 हजार 958 करोड़ 98 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। जबकि वर्ष 2024-25 में यह प्राप्ति 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किया गया है।

मध्यप्रदेश खनिज प्रखंडों की नीलामी में अव्वल 

मध्यप्रदेश मुख्य खनिज प्रखंडों  की सर्वाधिक संख्या में नीलामी करने में देश में प्रथम स्थान पर है। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में सामरिक (Strategic) एवं महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) पर देश की आत्म-निर्भरता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे इन खनिजों की आयात पर निर्भरता कम हो सके। 

प्रदेश द्वारा इस खनिज समूह के अंतर्गत अभी तक ग्रेफाइट के 8 खनिज प्रखंड, रॉक-फॉस्फेट खनिज के 6 प्रखंड सफलतापूर्वक नीलाम किये गये हैं। मुख्य खनिज के 20 प्रखंडों  की नीलामी के लिये विभाग द्वारा 9 अगस्त, 2024 को निविदा आमंत्रण सूचना-पत्र (NIT) जारी की गयी है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। 

इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण खनिज सोना (Gold)  के 4 प्रखंडों (Blocks) , मैग्नीज खनिज के 16 प्रखंडों (Blocks)   एवं कॉपर का एक प्रखंड  (Block) अभी तक सफलतापूर्वक नीलाम किये गये हैं। भारत सरकार द्वारा जनवरी-2024 में अन्वेषण नीति (Exploration Policy) प्रभावशील की गयी। 

इस नीति के तहत मध्यप्रदेश राज्य द्वारा महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) के 2 प्रखंडों (Blocks) नीलामी में रखे गये हैं। मध्यप्रदेश केंद्र सरकार की इस नीति का क्रियान्वयन करने वाला पहला राज्य बन गया है। 

खनिज अन्वेषण के क्षेत्र में भी प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में सामरिक (Strategic) एवं महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals), मुख्यत: रॉक-फास्फेट, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट, प्लेटिनम एवं दुर्लभ धातु (REE) के लिये कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 11 क्षेत्रों पर अन्वेषण कार्य किया गया।

प्रदेश में जिला खनिज विभाग के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्य, जिसमें पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, स्वच्छता, कौशल विकास और वृद्ध, विकलांग कल्याण के लिये 16 हजार 452 परियोजनाएँ स्वीकृत की गयी हैं, जिनकी लागत 4406 करोड़ रुपये है। इनमें से 7 हजार 583 परियोजना लागत 1810 करोड़ रुपये का कार्य पूर्ण हो गया है।

ई-चेकगेट रोकेंगे अवैध उत्खनन 

प्रदेश में खनिज के अवैध परिवहन रोकने के लिये एआई आधारित 41 ई-चेकगेट स्थापित किए जा रहे हैं। ई-चेकगेट पर Varifocal Camera,रेडियो आवृत्ति पहचान रीडर (Radio Frequency Identification (RFID) Reader) और स्वचालित नंबर प्लेट रीडर (Automatic Number Plate (ANP) Reader)  के रूप में खनिज परिवहन के लिये महत्वपूर्ण 4 स्थानों पर ई-चेकगेट स्थापित कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 

अवैध परिवहन की निगरानी के लिये राज्य स्तर पर भोपाल में कमाण्ड एवं कंट्रोल सेंटर तथा जिला भोपाल एवं रायसेन में जिला कमाण्ड सेंटर स्थापित किया गया है। इस वर्ष तक सभी 41 ई-चेकगेट की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।

अवैध खनन की रोकथाम के लिये उपग्रह और ड्रोन आधारित परियोजना प्रारंभ की गयी है। इस परियोजना के माध्यम से 7 हजार खदानों को जियो टैग देकर खदान क्षेत्र का सीमांकन किया गया है। यह परियोजना पूर्ण रूप से लागू होने पर अवैध खनन को चिन्हित कर प्रभावी कार्यवाही हो सकेगी। 

परियोजना के लागू होने पर स्वीकृत खदान के अंदर  3-डी इमेजिंग तथा वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस कर उत्खनित खनिज की मात्रा का सटीक आँकलन किया जा सकेगा। खनन (Mining)  में नवाचारों से प्रदेश की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित होगी, साथ ही इससे मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर खनिज उत्पादक राज्य के रूप में नई पहचान मिलेगी।

निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन

मध्यप्रदेश सरकार निजी क्षेत्र को प्रदेश के प्रचुर खनिज संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिये प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में हाल ही में भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में कई बड़ी कम्पनियों ने माइनिंग सेक्टर में निवेश की इच्छा जताई है। 

कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने खनिज क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये कई सुधार किये हैं। इनमें पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया, पर्यावरण-अनुकूल खनन और स्थानीय समुदायों को मुनाफे में भागीदारी देने जैसे कदम शामिल हैं।

प्रदेश में है देश का एकमात्र हीरा भण्डार

प्रदेश के पन्ना जिले में देश का एकमात्र हीरे का भण्डार है। हीरा खदान से प्रतिवर्ष एक लाख कैरेट हीरे का उत्पादन होता है। मलाजखण्ड कॉपर खदान भारत की सबसे बड़ी ताम्बा खदान है। इस खदान से प्रतिदिन 5 से 10 हजार ताम्बा निकाला जाता है। 

भारत के कुल ताम्बा भण्डार का 70 प्रतिशत ताम्बा मध्यप्रदेश में है। राज्य में स्थित सासन कोयला खदान भी अपने विशाल खनन उपकरणों के लिये प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। प्रदेश में लाइम-स्टोन, डायमण्ड और पाइरोफ्लाइट जैसे खनिज संसाधन हैं।

मध्यप्रदेश के जिलों में खनिज के भण्डार हैं, जिसमें 

  • सतना, रीवा और सीधी में लाइम-स्टोन, बॉक्साइट, ग्रेफाइट, गोल्ड और ग्रेनाइट, 
  • सिंगरौली में कोयला, गोल्ड और आयरन, 
  • शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में कोयला, कोल बेड, मिथेन और बॉक्साइट, 
  • छतरपुर, सागर और पन्ना में डायमण्ड, रॉक फास्फेट, आयरन, ग्रेनाइट, लाइम, डायस्पोर और पाइरोफ्लाइट, 
  • जबलपुर और कटनी में बॉक्साइट, डोलोमाइट, आयरन, लाइम-स्टोन, मैग्नीज, गोल्ड और मार्बल, नीमच और 
  • धार में लाइम-स्टोन, 
  • बैतूल में कोयला, ग्रेफाइट, ग्रेनाइट, लीड और जिंक, 
  • छिंदवाड़ा में कोयला, मैग्नीज और डोलोमाइट, 
  • बालाघाट में कॉपर, मैग्नीज, डोलोमाइट, लाइम-स्टोन और बॉक्साइट, 
  • मण्डला और डिण्डोरी में डोलोमाइट और बॉक्साइट, 
  • ग्वालियर और शिवपुरी में आयरन, फ्लेग-स्टोन और क्वार्ट्ज, 
  • झाबुआ और अलीराजपुर में रॉक फस्फेट, डोलोमाइट, लाइम-स्टोन, मैग्नीज और ग्रेफाइट के भण्डार हैं